Estimated reading time: 4 minutes
Table of contents
Remote Sensing यानी “दूर संवेदन” आज के समय में धरती की जानकारी जुटाने का एक अहम माध्यम बन चुका है। सेटेलाइट इमेजेज़, ड्रोन फोटोज़ और एयरफोटो जैसी तकनीकों से हम जमीन पर मौजूद हर छोटे-बड़े बदलाव को देख सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन तस्वीरों की गुणवत्ता या डिटेल कितनी होती है और यह किन बातों पर निर्भर करती है?
इस ब्लॉग में हम जानेंगे Spatial Resolution, Pixel Size और Scale जैसे जरूरी कॉन्सेप्ट्स के बारे में।
दूरी से कितना फर्क पड़ता है?
जब कोई सैटेलाइट या कैमरा धरती की तस्वीर लेता है, तो उसका प्लेटफॉर्म (Platform) और धरती के बीच की दूरी यह तय करती है कि वह कितनी डिटेल में जानकारी दे पाएगा।
- जैसे अगर कोई एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष यान से धरती को देख रहा है, तो वह पूरा राज्य या देश देख सकता है लेकिन किसी घर को नहीं पहचान सकता।
- वहीं अगर कोई विमान (airplane) शहर के ऊपर उड़ रहा है, तो वह इमारतें, गाड़ियाँ तक देख सकता है लेकिन उसका व्यू बहुत छोटा होता है।
ठीक इसी तरह, सेटेलाइट इमेज और एयरफोटो में भी यही फर्क होता है।
Spatial Resolution क्या होती है?
Spatial Resolution यानी किसी इमेज में दिख सकने वाले सबसे छोटे ऑब्जेक्ट का आकार।
आसान शब्दों में कहें तो – जितनी ज्यादा resolution, उतनी ज्यादा साफ और डिटेल वाली इमेज।
यह निर्भर करता है सेंसर के Instantaneous Field of View (IFOV) पर, जो यह तय करता है कि एक बार में धरती का कितना क्षेत्र सेंसर “देख” सकता है। IFOV और सैटेलाइट की ऊँचाई को गुणा करके हमें मिलता है Resolution Cell, जो यह बताता है कि जमीन पर एक पिक्सेल कितना एरिया कवर करता है।
उदाहरण:
- अगर resolution cell 30 मीटर × 30 मीटर है, तो केवल वही ऑब्जेक्ट स्पष्ट दिखेंगे जो कम से कम 30 मीटर के हैं।
High resolution = छोटी चीजें दिखाई देंगी
Low resolution = केवल बड़ी चीजें दिखाई देंगी

Pixel Size और Spatial Resolution में क्या फर्क है?
बहुत लोग सोचते हैं कि Pixel Size और Spatial Resolution एक ही चीज़ है, लेकिन ऐसा नहीं है।
- Pixel एक इमेज का सबसे छोटा यूनिट होता है — जैसे डिजिटल तस्वीर के छोटे-छोटे चौकोर टुकड़े।
- लेकिन Spatial Resolution यह तय करता है कि हर पिक्सेल असल में जमीन पर कितना एरिया दिखा रहा है।
उदाहरण:
- अगर किसी सैटेलाइट की स्पेशियल रेजोल्यूशन 20 मीटर है, तो हर पिक्सेल धरती पर 20 मीटर × 20 मीटर के एरिया को दिखाएगा।
- लेकिन अगर इमेज को बड़ा या छोटा करके दिखाया जाए, तो पिक्सेल साइज बदल सकता है, जबकि स्पेशियल रेजोल्यूशन वही रहेगा।
इसी कारण कई पोस्टर्स में पिक्सेल बड़े दिखते हैं लेकिन ओरिजिनल डेटा की रेजोल्यूशन वैसी ही रहती है।
Scale क्या होता है और क्यों ज़रूरी है?
Scale का मतलब होता है – मैप या इमेज में किसी दूरी की तुलना असल जमीन से करना।
उदाहरण:
- यदि स्केल 1:100,000 है, तो 1 सेंटीमीटर मैप पर = 1 किलोमीटर जमीन पर।
- Small scale (1:100,000): बड़ी एरिया की कम डिटेल इमेज
- Large scale (1:5,000): छोटी एरिया की ज्यादा डिटेल इमेज
इससे यह तय होता है कि हम किसी इलाके की कितनी बारीकी से अध्ययन कर सकते हैं।
Commercial और Military Resolution में फर्क
- Military Sensors में बहुत हाई स्पेशियल रेजोल्यूशन होती है — ताकि दुश्मन की गतिविधियों को बारीकी से देखा जा सके।
- Commercial Satellites में रेजोल्यूशन कुछ मीटर से लेकर कई किलोमीटर तक हो सकती है — जैसे Sentinel-2 (10 मीटर), Landsat (30 मीटर) आदि।
याद रखें, जितनी ज्यादा स्पेशियल रेजोल्यूशन होगी, उतना कम एरिया एक साथ कवर किया जा सकेगा।
मुख्य बातें (Quick Summary)
शब्द | मतलब |
Spatial Resolution | एक पिक्सेल कितनी जगह को दर्शाता है |
Pixel Size | इमेज में एक पिक्सेल का आकार (डिस्प्ले के अनुसार बदल सकता है) |
Scale | मैप पर दिख रही दूरी और असल जमीन की दूरी का अनुपात |
इस प्रकार Remote sensing इमेजेस को समझने के लिए Spatial Resolution, Pixel Size, और Scale को समझना बेहद ज़रूरी है। ये न केवल इमेज की गुणवत्ता को तय करते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि आप जमीन की कितनी सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। चाहे आप छात्र हों, रिसर्चर हों या किसी सरकारी योजना से जुड़े हों — यह ज्ञान आपके लिए बहुत काम का है।
FAQs
नहीं, High Resolution का मतलब है – ज्यादा डिटेल, लेकिन Pixel Size इससे अलग हो सकता है।
कम IFOV, उच्च Spatial Resolution, और बड़ा स्केल — ये सभी ज्यादा डिटेल के लिए ज़रूरी हैं।