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नगर का अर्थ एवं परिभाषाएं (Meaning and Definition of City)

इस लेख में आप नगर का अर्थ एवं परिभाषाओं (Meaning and Definition of City) के बारे में विस्तार से जानेंगे।

नगर का अर्थ  (Meaning of City)

‘नगर’ एक अवधारणा (Concept) है। जर्मनी में इसे ‘stadt’ और इंग्लैंड में ‘town’ या ‘city’ कहा जाता है। ‘सिटी’ शब्द का मूल लैटिन भाषा के ‘सिविटास’ (Civitas) से है। रोमन साम्राज्य में इसका उपयोग संगठनों के लिए किया जाता था। बाद में, यह शब्द ईसाई बिशप (Christian Bishopric) के मुख्य स्थानों के लिए इस्तेमाल होने लगा।

ब्रिटेन में ‘सिटी’ उन नगरों के लिए कहा जाता है जहाँ मुख्य गिरजाघर (Cathedral) होता है। फ्रांस में इसे ‘सिटे’ (Cite) कहा जाता है। स्वीडन में ‘स्टैडेन’ (Staden) का मतलब ऐसे नगरों से होता है जिनके दो प्रकार होते हैं – एक बाजार नगर (Market Town) और दूसरा नगरपालिका केंद्र (Municipal Centre)।

स्वीडन में जिन बस्तियों को ‘गाँव’ कहा जाता है, उन्हें नार्वे में ‘नगर’ माना जाता है। हर देश में जनगणना के आधार पर नगर और कस्बे की अलग-अलग परिभाषा होती है।

विभिन्न देशों में नगर की परिभाषा (Definition of City in Different Countries)

दुनिया के सभी देश नगर की परिभाषा पर एकमत नहीं हैं। हर देश जनगणना के हिसाब से नगर और कस्बे की अपनी अलग परिभाषा बनाता है। इन्हें दो वर्गों में बांटा जा सकता है:

1. जनसंख्या का आकार (Population Size)

इसमें वे देश शामिल हैं, जो बस्ती की जनसंख्या के आधार पर उसे नगर मानते हैं। इस दृष्टि से देशों में काफी भिन्नताएँ पाई जाती हैं:

  • डेनमार्क, स्वीडन और फिनलैंड: 250 जनसंख्या वाली बस्ती को नगर कहते हैं।
  • आइसलैंड: 300 जनसंख्या वाली बस्ती को नगर माना जाता है।
  • स्कॉटलैंड, वेनेजुएला और कनाडा: 1000 जनसंख्या वाली बस्ती को नगर कहा जाता है।
  • जर्मनी, फ्रांस, अर्जेंटीना आदि: 2000 की आबादी वाली बस्ती नगर मानी जाती है।
  • अमेरिका, थाईलैंड, स्पेन आदि: 2500 की जनसंख्या को नगर का दर्जा दिया जाता है।
  • घाना, बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया: 5000 व्यक्तियों की बस्ती को नगर माना जाता है।
  • ग्रीस, स्विट्जरलैंड और मलेशिया: 10000 की जनसंख्या को नगर के लिए जरूरी मानते हैं।
  • रूस: 12000 की जनसंख्या को आवश्यक मानता है।
  • नीदरलैंड और जापान: क्रमशः 20000 और 30000 जनसंख्या को न्यूनतम मानते हैं।

इस प्रकार, न्यूनतम जनसंख्या के आधार पर नगरों में काफी असमानता देखने को मिलती है।

2. अन्य विशेषताएँ (Other Features)

कुछ देशों में नगर की परिभाषा में जनसंख्या के साथ अन्य शर्तें भी जोड़ी गई हैं, जैसे:

  • चिली: ऐसी बस्ती जो सार्वजनिक और नगरपालिका सेवाएँ देती है, उसे नगर कहते हैं।
  • ब्राजील, कोस्टारिका, इक्वाडोर, बोलिविया: यहाँ वे बस्तियाँ, जो प्रशासनिक कार्यों में प्रमुख होती हैं, नगर कहलाती हैं।

भारत में नगर की परिभाषा (Definition of City in India)

भारत में 1951 तक 5000 या उससे अधिक जनसंख्या वाली बस्ती को कस्बा माना जाता था। लेकिन 1961 की जनगणना में, 5000 से ज्यादा जनसंख्या, 400 से अधिक प्रति वर्ग किलोमीटर घनत्व, और 75% पुरुष कार्यशील जनसंख्या अकृषित कार्यों में होने पर ऐसी बस्ती को नगर का दर्जा दिया गया।

विभिन्न विद्वानों द्वारा नगर की परिभाषा (Definition of City given by Scholars)

ऊपर हमने देखा कि दुनिया के सभी देशों में नगर की एक समान परिभाषा नहीं है, और शायद कभी ऐसा हो भी नहीं सकता। नगर उतने ही पुराने हैं जितनी मानव सभ्यता, लेकिन इसे सही तरीके से समझा नहीं गया है। कई भूगोलवेत्ताओं ने भी नगर की परिभाषा देने की कोशिश की है, जो इस प्रकार हैं:

  1. फ्रेडरिक रेटजेल – उनके अनुसार, नगर एक घना और लगातार लोगों और मकानों का समूह है, जहाँ बड़ी भूमि और व्यापारिक मार्गों का संगम होता है। नगर में लोग व्यापार और उद्योग पर निर्भर होते हैं, जबकि गाँव के लोग कृषि और पशुपालन पर। रेटजेल के अनुसार, 2000 से कम आबादी वाला स्थान नगर नहीं हो सकता।
  2. वेगनर – उन्होंने नगर को “मानव वाणिज्य का केंद्र” कहा।
  3. वान रिचटोफेन – उनके अनुसार, नगर वह स्थान है जहाँ का मुख्य काम उद्योग और व्यापार होता है, जो कृषि से अलग होता है।
  4. क्रिस्टलर और रूसो – इनके अनुसार, नगर उद्योग और व्यापार का संगठित समूह है।
  5. रूसो – उन्होंने नगर को वह स्थान कहा जहाँ के लोग अपनी जरूरत की चीजें जैसे अनाज या कपड़ा खुद नहीं बनाते। बल्कि ये लोग व्यापार, माल बनाने, सिखाने-पढ़ाने, प्रशासन, और अन्य कार्यों में लगे रहते हैं।
  6. आर. फ्रीडमैन के अनुसार, नगर को केवल जनसंख्या के आँकड़ों से समझा नहीं जा सकता। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें यहाँ रहने वाले लोगों का जीवन और आसपास के क्षेत्र में होने वाले कार्य शामिल होते हैं। नगर एक घना बसा हुआ क्षेत्र होता है, जहाँ लोग अपने काम के जरिए अन्य क्षेत्रों के लोगों से जुड़ते हैं।
  7. वाइडल डि ला ब्लाश ने नगर को एक सामाजिक संगठन वाला क्षेत्र बताया है, जो सभ्यता की उन्नत पीढ़ी का प्रतीक है। वैगनर ने नगर को व्यापारिक क्रियाओं का केंद्र माना। विलियम ओलसन का कहना है कि नगर एक बड़ी आबादी का समूह है, जहाँ अलग-अलग प्रकार के कार्य होते हैं।
  8. पियरी जॉर्ज के अनुसार, नगर एक ऐसा आवासीय केंद्र है, जिसके चारों ओर कृषि क्षेत्र फैला होता है। आर. ई. डिकिन्सन ने कहा कि नगर को उसके कार्यों से पहचाना जाता है। नगर के आसपास के लोग इसके कार्यों की वजह से आकर्षित होते हैं। यदि ये लोग नगर आना बंद कर दें, तो नगर का अस्तित्व समाप्त हो सकता है।
  9. लेविस ममफोर्ड ने बताया कि केवल जनसंख्या का आकार नगर बनने में मददगार नहीं है, बल्कि कला, संस्कृति, और राजनीतिक उद्देश्यों का भी योगदान होता है। जीन बूंस और पी. डिफान्टेन्स के अनुसार, नगर वह स्थान है, जहाँ अधिकतर आबादी अपना समय नगर की सीमाओं के भीतर बिताती है। पीटर हेगेट ने नगर को एक ऐसा स्थान बताया, जहाँ बड़ी संख्या में लोग उच्च घनत्व और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में रहते हैं।

उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि नगर की परिभाषा स्थिर नहीं है। नगर का विकास उसकी आर्थिक, सामाजिक और प्राकृतिक स्थितियों पर निर्भर करता है। नगर एक ऐसी बस्ती है, जहाँ लोग प्राथमिक कार्यों के अलावा अन्य गतिविधियों में शामिल होते हैं और आसपास के क्षेत्र पर प्रभाव डालते हैं। ये क्षेत्र परिवहन मार्गों से जुड़े होते हैं और अपनी जरूरतों के लिए आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों पर निर्भर करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ का मानना है कि नगरीय और ग्रामीण जनसंख्या के बीच अंतर करने की बजाय, इनका वर्गीकरण जनसंख्या के आकार के आधार पर किया जाना चाहिए।

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