तापमान की व्युत्क्रमणता (Inversion of Temperature)
सामान्य तौर पर वायुमण्डल के निचले भाग में धरातल से 8 से 18 कि०मी० ऊपर तक ऊँचाई में वृद्धि के साथ तापमान क्रमशः कम होता जाता है। तापमान की सामान्य ह्रास दर 6.5° सेल्सियस प्रति 1000 मीटर मानी जाती है। किन्तु प्रायः ऐसा देखा जाता है कि ताप ह्रास के सामान्य नियम के विपरीत वायुमण्डल की कुछ परतों में ऊँचाई में वृद्धि के साथ ही तापमान में भी वृद्धि होती है।
ताप कटिबन्ध (Temperature Zones)
सूर्य की किरणों के कोण, दिन-रात की सापेक्ष अवधि तथा वायुमण्डल द्वारा परावर्तित की जाने वाली ऊष्मा के परिमाण में अन्तर होने के कारण भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर सूर्यातप की मात्रा घटती जाती है। इसलिए तापमान उत्तरोत्तर घटता जाता है। इन्हीं तथ्यों से वाकिफ़ होकर प्राचीन यूनानी (Greek) विद्वानों ने पृथ्वी को अग्रलिखित तीन ताप कटिबन्धों में विभाजित किया था।