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 ली का प्रवास सिद्धान्त (Lee’s Migration Theory) 

Lee's Migration Theory

ली (F.S. Lee) ने अपने सिद्धान्त का प्रतिपादन सन् 1966 में किया। उन्होंने जनसंख्या प्रवास को चार कारकों का परिणाम माना है – 

(1) मूल स्थान के कारक

(2) गन्तव्य स्थान के कारक

(3) मध्यवर्ती अवरोध

(4) व्यक्तिगत कारक

प्रवास का सूक्ष्म विश्लेषणात्मक मॉडल (Micro Analytical Model of Migration) 

Micro Analytical Model of Migration

सन् 1967 में हैगरस्टैन्ड (T. Hagerstrand) ने अपने ‘स्थानिक अंतक्रिया सिद्धान्त’ (Theory of Spatial Interaction) के विश्लेषण में आवासीय संचलन (Residential movement) का एक सरल मॉडल प्रस्तुत किया। इस मॉडल के अनुसार किसी भी क्षेत्र में जनसंख्या का वितरण सतत रूप में नहीं पाया जाता है बल्कि यह विभिन्न केन्द्रों (nodes) के रूप में वितरित होती है जो परस्पर सम्बन्धित होते हैं और उनके मध्य पारस्परिक संचलन पाया जाता है।