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फर्डीनण्ड वॉन रिचथोफेन (Ferdinand von Richthofen):  जीवन परिचय, योगदान एवं प्रमुख रचनाएं

Ferdinand von Richthofen

रिचथोपेन (1833-1905) का जन्म जर्मनी के साइलेशिया राज्य के एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। 

अपनी अभिरुचि के अनुसार रिचथोफेन ने भूगर्भशास्त्र में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इन्होंने विद्यार्थी जीवन में ही आल्पस पर्वतीय क्षेत्र की भूरचना पर शोध कार्य किया था।

आस्कर पेशेल का भूगोल में योगदान (Oscar Peschel’s Contribution to Geography)

Oscar Peschel

आस्कर पेशेल की विशेष रुचि भू-आकृतियों के अध्ययन में थी। उन्होंने अपने ‘भौतिक भू-विज्ञान’ में पृथ्वीतल के भौतिक स्वरूप का वैज्ञानिक अध्ययन प्रस्तुत किया था। आस्कर पेशेल को आधुनिक भौतिक भूगोल का संस्थापक माना जाता है।

फ्रेडरिक रेटजेल का भूगोल में योगदान (Friedrich Ratzel’s Contribution to Geography) 

Friedrich Ratzel

जर्मन भूगोलवेत्ता फ्रेडरिक रेटजेल (1844-1904) हम्बोल्ट और रिटर के बाद आधुनिक युग के तीसरे प्रमुख भूगोलवेत्ता थे। रैटजेल प्रथम भूगोलवेत्ता थे जिन्होंने भौगोलिक अध्ययन में मानव को स्थायी और महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में अग्रणीय कार्य किया।

अल्फ्रेड हेटनर का भूगोल में योगदान (Alfred Hettner’s Contribution to Geography)

Alfred Hettner

अल्फ्रेड हेटनर (1859-1941) बीसवीं शताब्दी के प्रमुख जर्मन भूगोलवेत्ता में से एक थे। डिकिन्सन (1969) के अनुसार उन्होंने अपने समकालीन किसी भी अन्य भूगोलवेत्ता से अधिक मात्रा में भूगोल को दार्शनिक और वैज्ञानिक आधार प्रदान किया था।

टालमी का भूगोल में योगदान (Ptolemy’s Contribution to Geography)

Ptolemy's Contribution to Geography

टालमी की आठ खण्डों वाली प्रसिद्ध ग्रंथमाला ज्योग्राफिया मुख्यतः सामान्य भूगोल से सम्बंधित है और भूगोल के विविध पक्षों पर प्रकाश डालती है। इसमें सामान्य सैद्धान्तिक नियमों, स्थानों की स्थितियों, मानचित्र कला की विधियों आदि का वर्णन किया गया है। 

पोम्पोनियस मेला व प्लिनी का भूगोल में योगदान (Contribution of Pomponius Mela and Pliny to Geography)

Contribution of Pomponius Mela and Pliny to Geography

स्काईलैक्स पुस्तक में भूमण्डल के विभिन्न प्रदेशों का संक्षिप्त भौगोलिक वर्णन है। इसमें मेला ने पृथ्वी के दो ध्रुव; उत्तरी और दक्षिणी बताया है। उन्होंने यह भी लिखा है कि पृथ्वी के पाँच बृहत् कटिबंधों में से केवल दो कटिबंधों- उत्तरी शीतोष्ण कटिबंध और दक्षिणी शीतोष्ण कटिबंध में ही मानव निवास के अनुकूल दशाएं पाई जाती हैं।

स्ट्रैबो का भूगोल में योगदान (Strabo’s Contribution to Geography)

Strabo's Contribution to Geography

रोमन भूगोलवेत्ताओं में स्ट्रैबो का प्रमुख स्थान रहा है। स्ट्रैबो का जन्म कालासागर के तट से लगभग 80 किमी० दक्षिण की ओर टर्की (एशिया माइनर) के भीतरी भाग में स्थित अमासिया नगर में हुआ था जहाँ यूनानियों की संख्या अधिक थी। 

अलेक्जेण्डर वॉन हम्बोल्ट (Alexander von Humboldt) 

Alexander von Humboldt

कॉसमॉस हम्बोल्ट की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है जो 1845 से 1862 के मध्य पाँच खण्डों में प्रकाशित हुई थी। इसमें समस्त विश्व का विस्तृत वर्णन है। इसके प्रथम खण्ड में स्वरूप का सामान्य वर्णन है।

भारत में चीनी उद्योग (Sugar Industry in India) 

Sugar Industry in India

जहां, सन् 1931 में चीनी की मिलों की संख्या 31 थी जिनमें 1.63 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। सन् 1950-51 में चीनी मिलों की संख्या तथा चीनी का उत्पादन बढ़कर क्रमशः 139 तथा 11.34 लाख टन हो गया। सन् 2022-23 में चीनी मिलों की संख्या 531थी जिनमें 288 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया।

बूढी होती जनसंख्या (Aging of Population)

Fertility Trends in the World

बूढी होती जनसंख्या (aging of population) एक जनसांख्यिकीय घटना है, जो किसी समाज में बुजुर्ग लोगों के अनुपात में वृद्धि को दर्शाती  है। आने वाले दशकों में दुनिया में बुजुर्गों की आबादी दोगुनी होने की उम्मीद है। 2050 तक, हर छह में से एक व्यक्ति 65 वर्ष से अधिक आयु का होगा।