भारत में हरित क्रान्ति (Green Revolution in India)

भारत में हरित क्रान्ति की शुरुआत 1966-67 में मेक्सिको में विकसित नई गेहूँ की बौनी प्रजातियों के प्रयोग से हुयी। इसके पहले 1959 में फोर्ड फाउन्डेशन के कृषि वैज्ञानिकों के एक समूह को भारत की कृषि में सुधार हेतु समुचित सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया था जिन्होंने अपनी रिपोर्ट अप्रैल 1959 में प्रस्तुत की थी।