भारत में मृदा का वर्गीकरण (Soil Classification in India)
भारतीय मृदाओं का प्रथम वैज्ञानिक वर्गीकरण वोयलकर (1893) और लीदर (1898) ने किया था।
अखिल भारतीय मृदा एवं भू-उपयोग सर्वेक्षण संगठन द्वारा भी 1956 में भारतीय मृदाओं को वर्गीकृत करने का प्रयास किया गया। अगले वर्ष 1957 में राष्ट्रीय एटलस एवं थिमेटिक संगठन (NATMO) द्वारा भारत के मृदा मानचित्र को प्रकाशित किया, जिसमें भारतीय मृदाओं को 6 प्रमुख समूहों और 11 उप-समूहों में वर्गीकृत किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) के द्वारा भी वर्ष 1963 में भारत का मृदा मानचित्र प्रकाशित किया।