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उलमैन का स्थानिक अंतःक्रिया मॉडल ( Ullman’s Model of Spatial Interaction)

Spatial Interaction

स्थानिक अंतःक्रिया का मॉडल जिसे 1950 के दशक में विकसित किया गया था, तीन-कारक (स्थानान्तरणीयता, सम्पूरकता व मध्यवर्ती अवसर) मॉडल के रूप में भी जाना जाता है। यह विभिन्न स्थानों के बीच सापेक्ष दूरी और आकार के आधार पर लोगों, वस्तुओं और विचारों के प्रवाह का वर्णन करता है। स्थानिक अंतःक्रिया मॉडल स्थानों के बीच विभिन्न सेवाओं की गति की मात्रा और दिशा की भविष्यवाणी करने में बेहद उपयोगी साबित हुआ है, और इसलिए यह स्थानिक विश्लेषण की आधारशिला बन गया है।