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मानव भूगोल की प्रकृति (Nature of Human Geography)

Nature of Human Geography

हम जानते हैं कि घर, गाँव, नगर, सड़कों व रेलों का उद्योग, खेत, पत्तन, दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएँ आदि भौतिक पर्यावरण द्वारा दिए गए संसाधनों का उपयोग करते हुए मानव द्वारा निर्मित किए गए हैं। इन मानवीय तत्वों तथा भौतिक पर्यावरण के बीच, समय व स्थान के साथ बदलते हुए संबंधों का अध्ययन मानव भूगोल है।

प्रजातियों का वर्गीकरण (Classification of Races)

प्रजातियों के वर्गीकरण के लिए सबसे प्रथम प्रयास स्वीडिश प्रकृति विज्ञानी कार्ल लिनायूस (Carl Linnaeus, 1707-1778) ने 18वीं शताब्दी के मध्य में किया था। उन्होंने मानव जाति को चार प्रजातियों में बांटा जो निम्न प्रकार से है:

प्रजातियों के वर्गीकरण के आधार (Basis of Racial Classification)

basis of racial classification

ग्रिफिथ टेलर के अनुसार, “प्रजाति नस्ल को प्रकट करती है, न कि सभ्यता को (Race denotes breed, not culture) ” कई विद्वानों ने प्रजाति को अपने-अपने ढंग से  परिभाषित करने के प्रयास किए हैं, जिनमें से कुछ की परिभाषाएँ नीचे दी गई हैं

मानव भूगोल की शाखाएँ (Branches of Human Geography)

branches of human geography

मानव भूगोल, मानव एवं उसके पर्यावरण के बीच अंतर्संबंधो (interrelationships) का अध्ययन है। यह अपनी विषय-सामग्री के विश्लेषण हेतु अन्य सामाजिक विज्ञानों  (social sciences) के साथ अपने सम्बन्ध स्थापित करता है। इस प्रक्रिया में मानव भूगोल अन्य सामाजिक विज्ञानों (social sciences) से सहायता प्राप्त करता है और उन्हें सहायता प्रदान भी करता है।

मानव भूगोल का कार्य क्षेत्र (Scope of Human Geography)

प्रत्येक विषय का अपना दर्शन (philosophy), पद्धति शास्त्र (methodology) एवं कार्यक्षेत्र (scope) होता है। उदाहरण के लिए अर्थशास्त्र का सम्बन्ध मुख्य रूप से वस्तुओं के उत्पादन, संचलन, उपभोग और सेवाओं से, भूगर्भशास्त्र (geology) का सम्बन्ध भू पृष्ठ एवं भूगर्भ की संरचना से, जन सांख्यिकी (demography) का सम्बन्ध मानव जनसंख्या की विशेषताओं एवं जीव विज्ञान (biology) तथा वनस्पति शास्त्र (botany) का संबंध क्रमशः प्राणी एवं वनस्पति जगत से है। इसी प्रकार भूगोल में प्राकृतिक तथा मानव निर्मित तथ्यों का अध्ययन किया जाता है।

Types of Plain

Nile delta

There are several types of plains, including coastal plains, interior plains, and floodplains. Coastal plains are formed by sediment deposition along coastlines, while interior plains are created by tectonic activity or erosion. Floodplains are low-lying areas adjacent to rivers that are subject to periodic flooding and are rich in nutrients for agriculture.